Casting Couch: ग्लैमर की दुनिया का वो काला सच, जिसने कई सपनों को हिला दिया

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चमकती-दमकती फिल्म और टीवी इंडस्ट्री के पीछे एक ऐसा अंधेरा छुपा है, जिसे अक्सर अनदेखा कर दिया जाता है। कास्टिंग काउच (Casting couch)का यह काला सच कई सपनों को कुचल देता है और कुछ को हिम्मत देकर उन्हें और मजबूत बना देता है।

आइए, एक ऐसी कहानी जानें जहां कास्टिंग काउच का सामना करने के बावजूद, एक अभिनेत्री ने अपनी मेहनत और ईमानदारी से खुद को साबित किया और सफलता की ऊंचाइयों तक पहुंचीं। उनकी कहानी सिर्फ प्रेरणा नहीं है, बल्कि यह बताती है कि साहस और आत्म-सम्मान से हर मुश्किल को हराया जा सकता है।

भोपाल की साधारण लड़की से टीवी की सुपरस्टार तक का सफर

मशहूर अभिनेत्री दिव्यांका त्रिपाठी का जन्म भोपाल, मध्य प्रदेश में हुआ। एक मध्यमवर्गीय परिवार से ताल्लुक रखने वाली दिव्यांका ने बचपन से ही पढ़ाई के साथ-साथ कला के प्रति गहरी रुचि दिखाई। लेकिन यह कौन जानता था कि भोपाल की यह साधारण-सी लड़की एक दिन भारतीय टेलीविजन की सबसे बड़ी सितारों में से एक बन जाएगी।

दिव्यांका ने अपने करियर की शुरुआत किसी भव्य शो से नहीं, बल्कि ऑल इंडिया रेडियो, भोपाल में एंकरिंग के माध्यम से की। इसके बाद उन्होंने मिस भोपाल का खिताब जीता और अपनी अभिनय यात्रा शुरू करने के लिए मुंबई की ओर कदम बढ़ाए। उनका सबसे बड़ा ब्रेक तब मिला जब उन्होंने ज़ी टीवी के शो बनूं मैं तेरी दुल्हन (2006) में विद्या और दिव्या का दोहरा किरदार निभाया। यह शो उनकी अभिनय क्षमता का प्रदर्शन था और इसके साथ ही उन्हें हर घर में पहचान मिली। दिव्यांका इस शो की सफलता के साथ रातों-रात एक स्टार बन गईं।

Divyanka Tripathi in blue dress
वर्षघटना/कार्यप्रमुख उपलब्धि
2003पैंटीन ज़ी टीन क्वीन में भाग लिया।“मिस ब्यूटीफुल स्किन” का खिताब जीता।
2004“इंडियाज़ बेस्ट सिनेस्टार्स की खोज” में भाग लिया।भोपाल ज़ोन से टॉप 8 में पहुंचीं; इंदौर ज़ोन में रनर-अप रहीं।
2005“मिस भोपाल” का ताज जीता।
2005दूरदर्शन के टेलीफिल्म से अभिनय की शुरुआत।
2006स्टार वन के शो ये दिल चाहे मोर और विरासत में काम किया।
2006-2009बनूं मैं तेरी दुल्हन में विद्या और दिव्या के डबल रोल निभाए।“बेस्ट एक्ट्रेस” और “फ्रेश न्यू फेस” जैसे कई अवॉर्ड जीते।
2006ज़ी टीवी के “खाना खज़ाना” में भाग लिया।
2007झूम इंडिया (सहारा वन) में प्रतियोगी के रूप में भाग लिया।
2009स्टार प्लस के स्स्श्श्श…फिर कोई है सीजन 2 में अभिनय किया।
2010मिस्टर एंड मिसेज शर्मा इलाहाबादवाले (SAB टीवी) में अभिनय किया।
2011ज़ोर का झटका: टोटल वाइपआउट में भाग लिया।
2013-2019ये है मोहब्बतें में डॉक्टर इशिता भल्ला का किरदार निभाया।“बेस्ट एक्ट्रेस” और कई अन्य पुरस्कार जीते।
2017नच बलिए 8 में अपने पति विवेक दहिया के साथ भाग लिया।शो की विजेता बनीं।
2019स्टार प्लस के द वॉइस 3 को प्रस्तुत किया।
2020-2021क्राइम पेट्रोल शो प्रस्तुत किया।
2021खतरों के खिलाड़ी 11 में भाग लिया।

सोर्स : विकिपीडिया


कास्टिंग काउच (Casting Couch) का कड़वा सच

अपनी सफलता के बावजूद, दिव्यांका का शुरुआती सफर आसान नहीं था। हाल ही में एक इंटरव्यू में उन्होंने उस दर्दनाक अनुभव का जिक्र किया जब एक निर्देशक ने उन्हें ‘काम पाने के लिए साथ रहने’ का प्रस्ताव दिया।

उन्होंने बताया, “जब मैं इंडस्ट्री में नई थी, तो मैंने एक बड़े ब्रेक के लिए मेहनत की। लेकिन एक डायरेक्टर ने मुझे यह कहकर बड़ा झटका दिया कि अगर मैं उसके साथ रहूं तो वह मुझे बड़ा मौका दिला सकता है।”

Divyanka Tripathi in yellow dress looking good

इस घटना ने दिव्यांका को तोड़ने की बजाय और मज़बूत बनाया। उन्होंने बिना किसी समझौते के अपने हुनर और मेहनत के दम पर खुद को साबित किया।


‘ये है मोहब्बतें’ और स्टारडम

कास्टिंग काउच(Casting Couch) जैसी घटनाओं के बावजूद, दिव्यांका ने हार नहीं मानी। उन्होंने कई टीवी शोज़ में काम किया, लेकिन उन्हें असली पहचान मिली ये है मोहब्बतें (2013–2019) से। इस शो में उन्होंने डॉक्टर इशिता भल्ला का किरदार निभाया, जो आज भी दर्शकों के दिलों में बसा हुआ है।

दिव्यांका की इस भूमिका ने उन्हें न केवल कई अवार्ड्स दिलाए, बल्कि वह हर घर की प्यारी ‘इशिता’ बन गईं। उनकी मासूमियत, शानदार अभिनय और ज़मीन से जुड़े रहने का अंदाज़ हर किसी को पसंद आता है।


अपने अनुभव को साझा करना क्यों है महत्वपूर्ण?

दिव्यांका ने कास्टिंग काउच के बारे में खुलकर बात करके न केवल अपनी आवाज़ बुलंद की, बल्कि उन लोगों के लिए भी मिसाल पेश की जो ऐसे अनुभवों से गुज़रते हैं। उनकी यह बेबाकी बताती है कि ऐसे मुद्दों पर चुप रहना समस्या को और बढ़ाता है।

दिव्यांका ने यह साबित कर दिया कि सफलता के लिए समझौते की ज़रूरत नहीं होती। वह अपने करियर में नैतिकता और आत्म-सम्मान को प्राथमिकता देती हैं।


Divyanka Tripathi in saree

एक प्रेरणा की मिसाल

दिव्यांका त्रिपाठी की कहानी हम सभी को यह सिखाती है कि जीवन में मुश्किलें आएंगी, लेकिन हमें अपनी नैतिकता और आत्मविश्वास के साथ खड़ा रहना चाहिए। वह न केवल एक बेहतरीन अदाकारा हैं, बल्कि एक प्रेरणादायक इंसान भी हैं।

उनकी यात्रा यह बताती है कि सफलता उनके दरवाज़े पर आती है जो मेहनत और सच्चाई के साथ चलते हैं। दिव्यांका ने न केवल अपने अनुभवों से उबरकर खुद को साबित किया, बल्कि यह भी दिखाया कि महिलाओं को अपने अधिकारों और आत्म-सम्मान के लिए खड़ा होना चाहिए।


निष्कर्ष

कास्टिंग काउच(Casting Couch) जैसे मुद्दों को लेकर खुलकर बोलने वाली दिव्यांका त्रिपाठी उन सभी के लिए प्रेरणा हैं, जो अपने सपनों को पूरा करना चाहते हैं। उनकी कहानी यह साबित करती है कि कड़ी मेहनत और ईमानदारी से आप न केवल सफल हो सकते हैं, बल्कि दूसरों के लिए मिसाल भी बन सकते हैं।

दिव्यांका का जीवन हमें यह भी सिखाता है कि जो सच्चाई के साथ खड़े होते हैं, वह न केवल अपनी लड़ाई जीतते हैं, बल्कि समाज को भी एक नई दिशा देते हैं।

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