डिजिटल बर्नआउट(Digital Burnout): इसे पहचानें और इससे निपटने के उपाय

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टेक्नोलॉजी युग में हम स्मार्ट गैजेट्स के इतने करीब आ गए हैं कि हमें इसकी आदत लग गई है। व्हाट्सएप हो या फेसबुक, न्यूज़ हो या गूगल मीट, इन सबने हमारी लाइफ को पूरी तरह स्क्रीन-फोकस बना दिया है। पेपरलेस काम होने की वजह से हम ज्यादातर टैबलेट या लैपटॉप पर काम करते हैं और स्क्रीन पर अधिक समय बिताते हैं। यह एक प्रकार का एडिक्शन बन गया है। सोने से पहले हम इंस्टाग्राम और यूट्यूब शॉर्ट्स में समय बिताते हैं, और इसके कारण हमारी नींद भी पूरी नहीं होती।यह टेक्नोलॉजी हमारे जीवन को सरल बनाती है, लेकिन यह हमारी मानसिक और शारीरिक थकावट का कारण भी बनती है। इसके अत्यधिक उपयोग से एक गंभीर समस्या उभर रही है, जिसे हम डिजिटल बर्नआउट (Digital Burnout) कहते हैं। हम सभी इससे जूझ रहे हैं।

डिजिटल बर्नआउट का कारण सूचनाओं के लिए डिजिटल डिवाइस का अत्यधिक उपयोग, सोशल मीडिया का दबाव और ऑफिस वर्क का घर तक पहुंचना है। इससे हम मानसिक, भावनात्मक और शारीरिक रूप से थक जाते हैं, और यदि समय रहते इसका समाधान न किया जाए तो यह मानसिक स्वास्थ्य पर गंभीर प्रभाव डाल सकता है।

डिजिटल बर्नआउट क्या है?

डिजिटल बर्नआउट एक प्रकार की थकावट है जो डिजिटल उपकरणों के अत्यधिक उपयोग के कारण उत्पन्न होती है। इसमें मानसिक तनाव, भावनात्मक थकावट और शारीरिक असुविधाएं शामिल होती हैं। इसे “ऑनलाइन थकान” भी कहा जा सकता है, जहां व्यक्ति लगातार डिजिटल उपकरणों से जुड़ा रहता है और खुद को सही तरीके से आराम नहीं दे पाता।

Digital burnout How to recognise it

मुंबई के मशहूर क्लिनिकल साइकोलॉजिस्ट का कहना है, ‘डिजिटल बर्नआउट एक निरंतर थकान और मानसिक दबाव की स्थिति है, जो डिजिटल उपकरणों और प्लेटफार्मों के निरंतर उपयोग से उत्पन्न होती है। यह मानसिक और भावनात्मक संसाधनों पर गहरा प्रभाव डालता है, जिससे ध्यान केंद्रित करने में कठिनाई, थकावट और डिजिटल दुनिया से घिरे रहने की भावना उत्पन्न होती है। इसकी वजह से मानसिक स्वास्थ्य पर नकारात्मक असर हो सकता है, क्योंकि निरंतर कनेक्टिविटी, सूचना का अधिक प्रवाह और ऑनलाइन गतिविधियों में शामिल होने का दबाव लगातार बढ़ता है।

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डिजिटल बर्नआउट के लक्षण

यह जानना महत्वपूर्ण है कि आप डिजिटल बर्नआउट का सामना कर रहे हैं या नहीं। इसके कुछ प्रमुख लक्षण हैं:

थकावट और कमजोरी– अगर आप देर रात तक काम करने के बावजूद भी सुबह उठते समय थके-थके महसूस करते हैं, तो यह डिजिटल बर्नआउट का संकेत हो सकता है। स्क्रीन के सामने लंबे समय तक काम करने से मानसिक और शारीरिक थकावट बढ़ जाती है।

ध्यान की कमी – डिजिटल उपकरणों पर अधिक समय बिताने से हमारी मानसिकता में बिखराव आ जाता है, जिससे हम किसी भी काम पर ध्यान केंद्रित नहीं कर पाते। यह कामों को पूरा करने में कठिनाई पैदा करता है।

सोशल मीडिया पर अधिक समय बिताना – यदि आप लगातार सोशल मीडिया पर सक्रिय रहते हैं, तो यह भी डिजिटल बर्नआउट का एक संकेत हो सकता है। इसमें आपका समय सामाजिक तुलना में बर्बाद होता है, और इससे तनाव बढ़ता है।

शारीरिक समस्याएं – कंप्यूटर या फोन के सामने लंबे समय तक बैठने से गर्दन, पीठ और आँखों में दर्द हो सकता है। यह शारीरिक असुविधाएं डिजिटल बर्नआउट के कारण उत्पन्न होती हैं।

नींद की समस्याएं – डिजिटल बर्नआउट का एक प्रमुख लक्षण रात को सोने में कठिनाई होना है। फोन या लैपटॉप से निकलने वाली नीली रोशनी मस्तिष्क को उत्तेजित करती है, जिससे नींद में बाधा आती है।

    डिजिटल बर्नआउट से निपटने के उपाय

    डिजिटल बर्नआउट से निपटना पूरी तरह से संभव है, यदि हम कुछ अच्छे उपायों को अपनी दिनचर्या में शामिल करें। यहां कुछ महत्वपूर्ण उपाय दिए गए हैं जो डिजिटल बर्नआउट को कम करने में मदद कर सकते हैं:

    घर में काम से दूरी बनाए रखें

    आजकल ऑफिस के काम का दबाव घर पर भी महसूस होने लगता है, खासकर जब हम अपने स्मार्टफोन या लैपटॉप पर काम करते रहते हैं। यह आदत डिजिटल बर्नआउट को और बढ़ा सकती है। मेहजबीन डोर्डी के अनुसार, घर और ऑफिस के बीच स्पष्ट सीमा बनानी चाहिए। जब आप घर पर हों, तो अपना फोन और कंप्यूटर बंद रखें। परिवार के साथ समय बिताएं, खाने के दौरान फोन से दूर रहें और रात को सोने से पहले किसी भी प्रकार की डिजिटल गतिविधि से बचें।

    अनावश्यक सूचनाओं से बचें

    हम में से कई लोग कई वेबसाइट्स, न्यूज़लेटर्स और सोशल मीडिया अपडेट्स को फॉलो करते हैं, जिससे हमारी मेलबॉक्स और फोन पर अनगिनत सूचनाएं आने लगती हैं। यह सूचना का अत्यधिक प्रवाह मानसिक तनाव को बढ़ा सकता है। डिजिटल बर्नआउट से बचने के लिए, आपको केवल उन्हीं सूचनाओं पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए जो आपके जीवन में सार्थक हों। अनसब्सक्राइब करें उन न्यूज़लेटर्स और सेवाओं से, जो अब आपके काम की नहीं हैं।

    डिजिटल समय सीमा तय करें

    डिजिटल प्लेटफॉर्म्स पर अधिक समय बिताना हमारी आदत बन जाती है। इसके परिणामस्वरूप, हम लगातार ऑनलाइन रहते हैं, जिससे मानसिक थकान बढ़ जाती है। अपने डिजिटल समय को सीमित करें। उदाहरण के लिए, अपने ईमेल्स को दिन में दो या तीन बार चेक करें और सोशल मीडिया को सिर्फ आवश्यक होने पर चेक करें। दिन के अंत में एक या दो घंटे का “डिजिटल डिटॉक्स” समय तय करें।

    Digital burnout How to fix it

    ऑफलाइन दुनिया को अपनाएं

    डिजिटल दुनिया में पूरी तरह डूबने से हमें यह भूलने लगता है कि एक और दुनिया भी है—जो इंटरनेट से परे है। सामाजिक संबंधों को मजबूत करें, और उन गतिविधियों में भाग लें जो डिजिटल दुनिया से अलग हों। अपने शौक और रुचियों पर समय बिताएं, जैसे कि मूवी देखना, पेंटिंग करना, या किसी मित्र से व्यक्तिगत रूप से मिलना। डिजिटल बर्नआउट से उबरने के लिए अपनी दिनचर्या में ऑफलाइन गतिविधियों को शामिल करना बहुत जरूरी है।

    स्वास्थ्य पर ध्यान केंद्रित करें

    मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य डिजिटल बर्नआउट से उबरने के लिए सबसे महत्वपूर्ण तत्व हैं। सही मात्रा में नींद लें, नियमित रूप से व्यायाम करें, और संतुलित आहार खाएं। इससे मानसिक थकावट कम होगी और आप अधिक ऊर्जावान महसूस करेंगे।

    सीमाएं तय करें

    जैसे मेहजबीन डोर्डी ने बताया, एक महत्वपूर्ण रणनीति सीमाएं तय करना है। स्क्रीन समय पर स्पष्ट सीमा बनाएं, और दिन में कुछ समय के लिए डिजिटल फ्री ज़ोन बनाएं। उदाहरण के लिए, रात में सोने से पहले फोन को दूर रखें, या परिवार के साथ समय बिताते हुए पूरी तरह से डिजिटल उपकरणों से दूर रहें।

    प्रोफेशनल मदद लें

    अगर आप महसूस करते हैं कि डिजिटल बर्नआउट से निपटना मुश्किल हो रहा है और यह आपके मानसिक स्वास्थ्य को प्रभावित कर रहा है, तो एक पेशेवर मानसिक स्वास्थ्य विशेषज्ञ से सहायता लेना एक अच्छा विचार हो सकता है। वे आपको मानसिक स्थिति को समझने और इससे उबरने के उपायों को अपनाने में मदद कर सकते हैं।

    निष्कर्ष

    डिजिटल बर्नआउट आजकल की सबसे गंभीर समस्याओं में से एक बन गया है, लेकिन कुछ साधारण उपायों को अपनाकर इससे निपटा जा सकता है। सही डिजिटल आदतें विकसित करना, स्क्रीन समय पर सीमा रखना, और शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य पर ध्यान केंद्रित करना डिजिटल बर्नआउट को दूर करने के लिए प्रभावी कदम हैं। याद रखें कि तकनीकी दुनिया से कुछ समय के लिए दूर रहना, हमें मानसिक शांति और ऊर्जा वापस पाने में मदद करता है।

    अपने डिजिटल जीवन को संतुलित बनाएं, ताकि आप अपनी असली जिंदगी का पूरा आनंद ले सकें।

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